संवाददाता अखिलेश विश्वकर्मा का रिपोर्ट गढ़वा
श्री बंशीधर नगर से
श्री श्री ठाकुर अनुकूलचन्द्र जी के अनुयायियों द्वारा जंगीपुर ग्राम स्थित सत्संग उपासना केन्द्र उर्जितपा के प्रांगण में सत्संग सह भंडारा का आयोजन किया गया.सत्संग का शुभारंभ बन्देपुरुषोतम ध्वनि,शंख ध्वनि के बीच दीप प्रज्वलित कर किया गया.इसके बाद सामुहिक रूप से विनती प्रार्थना,समवेत नाम जप,सत्यानु शरण ग्रंथ व नारी नीति ग्रंथ का पाठ किया
गया.सत्संग में धृतिसुन्दर लाल,गीता देवी,सुजन्ती कुमारी,चंचला गुप्ता ने भक्ति मूलक भजन प्रस्तुत किया. इष्टचर्चा करते हुये ऋत्विक धृतिसुन्दर लाल ने कहा कि प्रेम करना,दूसरे के गुणों का वर्णन करना इत्यादि सभी आंतरिक ज्ञान है.उन्होंने कहा कि मन मे हम जैसा भाव रखते हैं, ठीक उसी भाव को हम दूसरों में देखते हैं. अपने गुरु का आदेश ही सर्वोपरि है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय मे श्री श्री ठाकुर जी पुरुषोत्तम है.उनकी दीक्षा ग्रहण करना चाहिये
.उनके द्वारा प्रदत्त सतनाम का हमेशा स्मरण करना चाहिये. निःस्वार्थ भाव से इष्टभृति करना चाहिये. उन्होंने कहा कि सभी जीवों के साथ प्रेम करना एक व्यवहारिक ज्ञान है.सत्संगी शक्तिदास सिन्हा ने कहा कि अपने आदर्श पर जिस प्रकार विश्वास करेंगे,ठीक उसी प्रकार उनमें दर्शन होगा.अपने आदर्श पर यदि हम ईश्वर के रूप में विश्वास करते हैं तो हम आदर्श में ईश्वर को देखते हैं
. विश्वासी का संग करने से हम में विश्वास बढ़ता है.यदि हम अपने आदर्श जो सत्य है,उनपर विश्वास करते हैं तो हम भी सत्य हो जाते है.याजक राजकुमार दा ने कहा कि गुरु की सेवा करने से अहंकार पतला होता है.ऋत्विक विजय नंदन सिन्हा ने कहा कि स्वस्थ जीवन लाभ करने के लिये एक साथ भोजन करना चाहिये. सत्संग के बाद आयोजित
भंडारा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण किया.सत्संग में ब्रजेश तिवारी,प्रमोद चौबे,संजय दा, अजय दा,शिवकुमार, उमेश सिंह,राहुल कुमार,गोविन्द दा,मनोज कुमार,श्रीकांत, राकेश,वृंदा देवी,प्रभा देवी,निर्मला जायसवाल, सतवंती देवी,बबिता सिंह,पूजा देवी,रीना देवी,विमला देवी,स्वाती देवी,लीलावती देवी,राजन कुमार,उत्कर्ष, धृतिदीप्त, लक्ष्य सहित बड़ी संख्या में सत्संगी उपस्थित