Uncategorized

दो महीने पहले चुने गए राष्ट्रपति, फिर अब क्यों हो रहे श्रीलंका में चुनाव? आज मतदान

Sri Lanka Parliamentary Election: श्रीलंका में संसदीय चुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं. पहले देश में अगस्त 2025 में आम चुनाव होने थे, लेकिन सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके ने संसद भंग कर मध्यावधि चुनाव कराने के आदेश दे दिए, उनके इस फैसले के पीछे कई अहम कारण हैं.

दो महीने पहले चुने गए राष्ट्रपति, फिर अब क्यों हो रहे श्रीलंका में चुनाव? आज मतदान

श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके.

श्रीलंका में मध्यवाधि चुनाव के लिए वोटिंग जारी है. स्थानीय समय के अनुसार सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक वोट डाले जाएंगे. 2 महीने पहले ही श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव हुए थे जिसमें वामपंथी नेता अनुरा दिसानायके के नेतृत्व वाले NPP गठबंधन की जीत हुई थी. राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही दिसानायके ने संसद भंग कर नवंबर में मध्यावधि चुनाव के आदेश दे दिए थे.

दरअसल श्रीलंका की संसद में अनुरा दिसानायके की पार्टी के पास बहुमत नहीं था, उनके पास सिर्फ 3 सांसद थे. ऐसे में आर्थिक बदलाव का जो वादा उन्होंने जनता से किया था उसे पूरा करना नामुमकिन था. लिहाजा नए राष्ट्रपति ने संसदीय चुनाव कराने का फैसला किया. क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव में दिसानायके की पार्टी को जनता भारी समर्थन मिला था, ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि संसदीय चुनावों में भी उनकी पार्टी बहुमत हासिल कर लेगी.

श्रीलंका में 196 सीटों के लिए वोटिंग

श्रीलंका की संसद में कुल 225 सीटें हैं, बहुमत के लिए किसी भी दल को 113 सीटों पर जीत हासिल करना जरूरी है. हालांकि जनता वोटिंग के जरिए 196 सीटों पर ही उम्मीदवारों का चयन करेगी, इसके अलावा बचे हुए 29 उम्मीदवार एक नेशनल लिस्ट के जरिए चुने जाएंगे. इस प्रक्रिया के तहत तमाम दलों या निर्दलीय समूहों की ओर से कुछ उम्मीदवारों के नाम की सूची सौंपी जाती है, बाद में जनता से मिले वोट के अनुपात में प्रत्येक दल की लिस्ट से उम्मीदवार चुने जाते हैं.

श्रीलंका में चुनाव की प्रक्रिया काफी हद तक भारत से मिलती जुलती है. भारत की ही तरह श्रीलंका में भी चुनाव आयोग (ECSL) पर पूरे देश में चुनाव कराने की जिम्मेदारी होती है. ECSL के मुताबिक श्रीलंका की 2.20 करोड़ की आबादी में से करीब 1 करोड़ 70 लाख रजिस्टर्ड वोटर चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं. देशभर में 13,421 मतदान केंद्रों में चुनाव कराया जा रहा है. हालांकि मतदाता बैलेट पेपर के जरिए वोट डाल रहे हैं लेकिन उन्हें इसके लिए राष्ट्रीय पहचान पत्र दिखाना जरूरी है, जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस और सीनियर सिटीजन आइडेंटी कार्ड. पुलिस, आर्मी समेत वो लोग जो चुनाव की तारीख पर वोट डालने में असमर्थ होते हैं वह पोस्टल बैलेट के जरिए पहले ही अपने मत का इस्तेमाल कर सकते हैं.

राष्ट्रपति दिसानायके का बड़ा दांव!

श्रीलंका में 2022 के आर्थिक संकट के बाद इस साल सितंबर में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव हुए. अनुरा दिसानायके 2022 के आर्थिक संकट के दौरान हुए आंदोलन का प्रमुख चेहरा थे. वह युवाओं और आम जनता की मजबूत आवाज बनकर उभरे, जिसके चलते राजपक्षे परिवार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा.

राष्ट्रपति चुनाव के दौरान दिसानायके ने जनता से बड़े-बड़े वादे किए थे, उन्होंने ‘एग्जीक्यूटिव प्रेसीडेंसी’ को खत्म करने का वादा किया था. ये वो सिस्टम है जिसके तहत श्रीलंका में शासन की ज्यादातर शक्तियां राष्ट्रपति को दी गईं हैं. 1978 में राष्ट्रपति जे.आर. जयावर्धने जब सत्ता में थे तब पहली बार ‘एग्जीक्यूटिव प्रेसीडेंसी’ सिस्टम लागू किया गया. बीते कई सालों से श्रीलंका में इस सिस्टम को खत्म करने की मांग की जा रही थी लेकिन कोई भी दल ऐसा करने की हिम्मत नहीं दिखा पाया.

देश के आर्थिक और राजनीतिक संकट के लिए भी लंबे समय से इस सिस्टम को ही जिम्मेदार माना जा रहा है. वहीं दिसानायके ने सरकारी तंत्र से भ्रष्टाचार और रानिल विक्रमसिंघे की सरकार में IMF से कर्ज लेने के लिए किए गए समझौते को खत्म करने का भी वादा किया था.

वादों को पूरा करने के लिए संसद में बहुमत जरूरी

दिसानायके के NPP गठबंधन को संसद से कानून पारित कराने के लिए संसदीय बहुमत की जरूरत होगी, साथ ही ‘एग्जीक्यूटिव प्रेसीडेंसी’ जैसे सिस्टम को खत्म करने के लिए संविधान में संशोधन के लिए उन्हें दो तिहाई बहुमत चाहिए. लिहाजा 3 सांसदों के साथ उनके लिए यह सारे वादे पूरे कर पाना मुमकिन नहीं होता. हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि राष्ट्रपति चुनाव में 42.31 फीसदी वोट हासिल करने वाले गठबंधन को दो महीने बाद हो रहे संसदीय चुनाव में जनता का कितना समर्थन मिलता है.

Show More

AAJ TAK Live Tv News

AAJ TAK Live Tv News
Back to top button
error: Content is protected !!